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Showing posts from September, 2020

Twitter Storm Poster 18 September from 4 to 7 PM IST join us @delhievictions

 

प्रेस स्टेटमेंट_हिंदी राष्ट्रीय विरोध दिवस 18 सितंबर, 2020

 

Press Statement_ English - National Day of Protest September 18, 2020

 

दिल्ली मेंजबरन ननष्काषन के खिलाफ स्टेटमेंट नई दिल्ली, 13 सितंबर 2020

दिल्ली मेंजबरन ननष्काषन के खिलाफ स्टेटमेंट नई दिल्ली, 11 सितंबर 2020  दिल्ली में जबरन निष्काषन के खिलाफ स्टेटमेंट नई दिल्ली , 11 सितंबर 2020 हम , अधोहस्ताक्षरी नागरिक , संगठन और आन्दोलन , आज सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह करते हुए लिखते हैं कि वह 31.08.2020 के एम.सी. मेहता बनाम यूनियन ऑफ इंडिया एंड अदर्स (रिट याचिका संख्या 13029/1985) में दिये गए अपने आदेश पर पुनः विचार करे। यह आदेश दिल्ली में रेलवे भूमि पर लंबे समय से स्थापित समुदायों के जबरन निष्कासन की मांग करता है। शहर में कचरा प्रबंधन पर एक लंबे समय से चल रही जनहित याचिका ( PIL) में पारित , इस आदेश का लगभग 50,000 घरों के जीवन , आजीविका , गरिमा और अधिकारों पर विनाशकारी परिणाम होंगे। यह ऐसे समय में आता है जब शहर बमुश्किल कोविड–19 महामारी के प्रकोप से जूझ रहा है और हाशिए पर रहने वाले समुदायों को ऐसे स्वास्थ्य जोखिमों पर ले जायेगा जो उनके घरों , संपत्तियों और आजीविका के ऊपर खतरे को बढ़ा देंगे। यह आदेश दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डी . यू . एस . आई . बी) नीति ( 2015) के तहत निवासियों के लिए राहत और पुनर्वास संबंधित नीतिगत सुरक्षा को स

STATEMENT AGAINST FORCED EVICTIONS IN NEW DELHI New Delhi, 13 September 2020

We, the undersigned citizens, organisations and movements, write today to urge the Supreme Court to reconsider its order of 31.08.2020 in M.C. Mehta v Union of India & Ors. (Writ Petition No. 13029/1985). The order summarily demands forced evictions of long-established communities on lands entrusted to the Railways in New Delhi. Passed in a long pending case on waste management in the city, the order will have devastating consequences on the lives, livelihood, dignity and rights of nearly 50,000 households, or over 2.5 lac people. It also comes at a time when the city is barely coping with the assault of the COVID-19 pandemic and will expose marginalised communities to health risks that further compound the threat to their homes, assets and livelihoods.  The order does not address or take into account both established policy protections for residents under the Delhi Urban Shelter Board (DUSIB) policy on relief and rehabilitation (2015), as well the law laid down by the High Court o