दिल्ली मेंजबरन ननष्काषन के खिलाफ स्टेटमेंट नई दिल्ली, 11 सितंबर 2020 दिल्ली में जबरन निष्काषन के खिलाफ स्टेटमेंट नई दिल्ली , 11 सितंबर 2020 हम , अधोहस्ताक्षरी नागरिक , संगठन और आन्दोलन , आज सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह करते हुए लिखते हैं कि वह 31.08.2020 के एम.सी. मेहता बनाम यूनियन ऑफ इंडिया एंड अदर्स (रिट याचिका संख्या 13029/1985) में दिये गए अपने आदेश पर पुनः विचार करे। यह आदेश दिल्ली में रेलवे भूमि पर लंबे समय से स्थापित समुदायों के जबरन निष्कासन की मांग करता है। शहर में कचरा प्रबंधन पर एक लंबे समय से चल रही जनहित याचिका ( PIL) में पारित , इस आदेश का लगभग 50,000 घरों के जीवन , आजीविका , गरिमा और अधिकारों पर विनाशकारी परिणाम होंगे। यह ऐसे समय में आता है जब शहर बमुश्किल कोविड–19 महामारी के प्रकोप से जूझ रहा है और हाशिए पर रहने वाले समुदायों को ऐसे स्वास्थ्य जोखिमों पर ले जायेगा जो उनके घरों , संपत्तियों और आजीविका के ऊपर खतरे को बढ़ा देंगे। यह आदेश दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डी . यू . एस . आई . बी) नीति ( 2015) के तहत निवासियों के लिए राहत और पुनर्वास संबंधित नीतिगत सुरक्षा को स